These can become Drug Inspector in Hindi

ये भी बन सकते हैं ड्रग इंस्पेक्टर, They can also become drug inspector

फार्मेसी ब्रांच में अगर स्नातक स्तर पर गवर्नमेंट जॉब की बात की जाए तो सभी लोग एक ही जॉब की बात करेंगे और वो है ड्रग इंस्पेक्टर की जॉब.

फार्मेसी के अधिकांश ग्रेजुएट्स का सपना होता है ड्रग इंस्पेक्टर बनना. इस पोस्ट का चार्म विद्यार्थियों के साथ-साथ टीचर्स में भी देखा जा सकता है.

ड्रग इंस्पेक्टर का मतलब दवा निरीक्षक होता है और जैसा की हम सभी जानते हैं कि जिसके पास भी निरीक्षण करने की पॉवर होती है उसे शोहरत के साथ –साथ और भी बहुत कुछ मिल जाता है.

ड्रग इंस्पेक्टर के पास दवा निर्माण, भण्डारण, वितरण आदि सभी क्षेत्रों के इंस्पेक्शन का अधिकार होता है जिसे दवा व्यापार में लगे हुए सभी लोग एक रुतबे में बदल देते हैं.

समाज में भी ऐसा माना जाता है कि जिस किसी अधिकारी के पद के नाम के पीछे इंस्पेक्टर शब्द लगा होता है उसके पास रुतबे और रुपए की कोई कमी नहीं रहती है. शायद इसी वजह से ड्रग इंस्पेक्टर के पद को प्राप्त करने के लिए सभी योग्य उम्मीद्वार लालायित रहते हैं.

जिस प्रकार ड्रग मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बी फार्म योग्यताधारी का एकाधिकार समझा जाता है ठीक उसी प्रकार ड्रग इंस्पेक्टर के पदों के लिए भी बी फार्म योग्यताधारी का एकाधिकार समझा जाता है लेकिन सच्चाई इसके उलट है.

जिस प्रकार ड्रग मैन्युफैक्चरिंग में बी फार्म योग्यताधारी के कई विकल्प मौजूद होते है ठीक उसी प्रकार ड्रग इंस्पेक्टर बनने के लिए भी बी फार्म के अतिरिक्त मेडिसिन में डिग्रीधारी उम्मीद्वार दूसरा विकल्प है.

ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के अनुसार ड्रग इंस्पेक्टर के पदों के लिए आवेदन करने के लिए फार्मेसी और फार्मास्यूटिकल साइंसेज के डिग्रीधारी के अतिरिक्त क्लिनिकल फार्माकोलॉजी या माइक्रोबायोलॉजी में स्पेशियलाईजेशन के साथ मेडिसिन में डिग्रीधारी उम्मीद्वार भी योग्य है.

इस शैक्षणिक योग्यता के साथ शेड्यूल सी के अंतर्गत आने वाली ड्रग्स के निर्माण या टेस्टिंग में 18 महीनों का अनुभव भी माँगा जाता है.

जैसा मैं समझ पाया हूँ और अगर आप पता करेंगे तो पाएँगे कि मेडिसिन में डिग्रीधारी का मतलब एमबीबीएस के साथ-साथ बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस आदि भी होते हैं.

इन मेडिसिन में डिग्रीधारियों को ड्रग इंस्पेक्टर की जॉब के लिए क्यों योग्य माना गया है? आज देश में प्रतिवर्ष कुल साढ़े तीन लाख के आसपास फार्मासिस्ट अपनी शिक्षा पूरी करके निकलते हैं जिनमें एक बड़ी संख्या बी फार्म डिग्रीधारियों की होती है तो फिर इन मेडिसिन में डिग्रीधारियों को योग्य उम्मीद्वारों में क्यों डाला हुआ है?

क्या फार्मेसी फील्ड में ऐसी कोई एक भी जॉब नहीं है जिसके लिए केवल फार्मेसी ग्रेजुएट्स ही योग्य उम्मीद्वार हों. जिस प्रकार चिकित्सक, नर्स, इंजीनियर आदि पदों के लिए सम्बंधित शैक्षणिक योग्यता धारी उम्मीद्वार ही आवेदन कर सकते हैं उस प्रकार ड्रग इंस्पेक्टर के लिए केवल फार्मेसी ग्रेजुएट क्यों नहीं होना चाहिए?

आखिर हर जगह फार्मेसी के अभ्यर्थियों का विकल्प क्यों मौजूद है? ड्रग मैन्युफैक्चरिंग, ड्रग मार्केटिंग, ड्रग रिसर्च, ड्रग रिटेल सेलिंग आदि सभी जगह फार्मेसी ग्रेजुएट्स महत्वहीन क्यों है?

धीरे-धीरे यह महत्व इस स्तर तक गिर गया है कि अब तो विभिन्न केमिस्ट एसोसिएशन्स भी सरकार से यह मांग करने लगी है कि दवा दुकानों के लिए फार्मासिस्ट की बाध्यता को हटा देना चाहिए.

हद तो तब हो जाती है जब आपको यह पता चले कि कई राज्यों की फार्मेसी कौंसिल्स में प्रेसिडेंट के पद पर भी डॉक्टर बैठे हैं. आखिर एक डॉक्टर फार्मेसी फील्ड की अलग पहचान और महत्व के लिए क्यों प्रयास करेगा?

क्या फार्मेसी फील्ड के लोग इतने भी सक्षम नहीं है कि वे अपनी कौंसिल को बिना डॉक्टर्स के निर्देशों के चला पाएँ? आखिर डॉक्टर्स को फार्मेसी कौंसिल में किसी भी पद को हासिल करने का मौका क्यों मिल रहा है?

क्या कोई फार्मेसी शिक्षाधारी किसी भी स्टेट की मेडिकल कौंसिल का अध्यक्ष बनने का सपना भी देख सकता है? जब आप अन्य क्षेत्र में नहीं जा सकते तो अन्य क्षेत्र वाले आपके क्षेत्र में क्यों है? क्या ये फार्मेसी के जिम्मेदारों के नाकारपन को नहीं दर्शाता है?

खैर बात ड्रग इंस्पेक्टर के सम्बन्ध में चल रही है तो हम इसी सम्बन्ध में बात करेंगे. मेरा आपसे सिर्फ इतना ही कहना है कि देश में कुछ जॉब तो ऐसी होनी चाहिए जिन पर सिर्फ फार्मेसी वालों का ही अधिकार हो.

ड्रग इंस्पेक्टर की जॉब पर सिर्फ फार्मेसी प्रोफेशनल्स का अधिकार होना चाहिए और फार्मेसी ग्रेजुएट के अतिरिक्त अन्य किसी भी योग्यताधारी को इसके लिए योग्य नहीं माना जाना चाहिए.

शायद फार्मेसी ग्रेजुएट्स भाग्यशाली हैं जो मेडिसिन के स्नातक अभी तक ड्रग इंस्पेक्टर की जॉब के लिए अप्लाई नहीं कर रहे हैं लेकिन हमें यह ध्यान रखना होगा कि भाग्य हमेशा साथ नहीं देता है.

वर्तमान में जिस प्रकार मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट की अनिवार्यता सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गई है ठीक उसी प्रकार भविष्य में कहीं ड्रग इंस्पेक्टर के पद पर फार्मेसी योग्यताधारी के दर्शन ही दुर्लभ ना हो जाए.

लेखक, Writer

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}


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