How to Prepare GPAT in Hindi

जीपेट परीक्षा की तैयारी कैसे करें?, GPAT KI Taiyari Kaise Karen?


जीपेट यानि ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है जिसे आल इंडिया कौंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई), मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट (एमएचआरडी) के निर्देशों के आधार पर हर वर्ष आयोजित करवाती है।

यह एक ऐसी प्रवेश परीक्षा है जिसे सम्पूर्ण भारत के विभिन्न फार्मेसी संस्थानों के फार्मेसी ग्रेजुएट्स, एम फार्मा कोर्स में प्रवेश लेने के लिए देते हैं।

यह तीन घंटे की कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन परीक्षा होती जिसे एक ही सत्र में दिया जाता है। जीपेट परीक्षा पास करने के पश्चात जीपेट स्कोर कार्ड मिलता है जिसकी वैधता विभिन्न एआईसीटीई प्रमाणित और संबद्ध संस्थानों में होती है।

इस जीपेट स्कोर कार्ड के आधार पर विद्यार्थियों को स्कालरशिप और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

स्कालरशिप के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री करने के लिए जीपेट स्कोर कार्ड की वैधता एक साल की होती है अर्थात जो जिस सत्र में यह परीक्षा पास करता है उसके लिए यह स्कोर सिर्फ उसी सत्र के लिए वैध होता है।

अगर कोई जीपेट स्कोर कार्ड धारी पोस्ट ग्रेजुएशन के पश्चात पीएचडी भी करना चाहे तो उसे पीएचडी के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा से छूट मिल जाती है अर्थात प्रवेश परीक्षा देने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।

जीपेट परीक्षा में बैठने के लिए एप्लिकेंट को भारत का नागरिक होने के साथ-साथ फार्मेसी में बैचलर डिग्री प्राप्त या फिर बैचलर डिग्री कोर्स के अंतिम वर्ष का विद्यार्थी होना चाहिए।

इस परीक्षा के लिए न तो कोई अधिकतम उम्र की सीमा है तथा न ही कोई अवसरों की सीमा है अर्थात कोई भी फार्मेसी ग्रेजुएट किसी भी उम्र में, कितनी भी बार यह परीक्षा दे सकता है।

जीपेट परीक्षा का अधिकतम समय तीन घंटे का होता है जिसमे एक सौ पच्चीस ऑब्जेक्टिव टाइप के प्रश्न पूछे जाते हैं।

इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग होती है जिसमे प्रत्येक सही उत्तर के लिए चार अंक दिए जाते हैं तथा प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक अंक काट लिया जाता है।

फार्मेसी में अगर स्कालरशिप के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन करना हो तो हमें जीपेट परीक्षा को पास करके वैध स्कोर कार्ड प्राप्त करना होगा। यह परीक्षा इतनी आसान नहीं है कि हर कोई इसे बिना तैयारी के पास कर ले।

इसे पास करने के लिए सुनियोजित योजना के साथ-साथ कठिन परिश्रम की भी बहुत आवश्यकता होती है। हमें आधी सफलता तो तब ही मिल जाती है जब हमारी शुरुआत अच्छी होती है।

जैसे किसी भी युद्ध को जीतने के लिए योद्धा के पास सभी तरह के हथियार होने चाहिए ठीक उसी प्रकार किसी भी परीक्षा में सफल होने के लिए उस परीक्षा से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी के साथ-साथ उचित पठनीय सामग्री भी उपलब्ध होनी चाहिए।

वैसे तो जीपेट परीक्षा की तैयारी ग्रेजुएशन के प्रथम वर्ष से ही होनी चाहिए परन्तु कहा जाता है कि जब जागो तभी सवेरा।

सबसे पहले तो हमें यह देखना चाहिए कि परीक्षा के लिए तैयारी का कुल कितना समय मिल रहा है।

समय की गणना करने के पश्चात हमें परीक्षा के सम्पूर्ण सिलेबस और पैटर्न का गहनता के साथ अध्ययन करके उसे समझना चाहिए फिर उस सिलेबस में से सारे के सारे महत्वपूर्ण विषयों की अलग से सूची बना लेनी चाहिए।

परीक्षा के लिए जितना समय मिल रहा है उसके अनुसार इस सिलेबस को विभाजित कर लेना चाहिए।

जीपेट परीक्षा का सिलेबस ग्रेजुएशन के प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष तक के लगभग सभी विषयों का समावेश है जिसको प्रमुख रूप से चार विषयों में बांटा जा सकता है जैसे फार्मास्युटिक्स, फार्माकोलॉजी, फार्माकेमिस्ट्री और फार्माकोग्नोसी।

ये चारो विषय जीपेट परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिकांश प्रश्न इन्ही में से पूछे जाते हैं तथा ये सभी ग्रेजुएशन की पढाई में बहुत गहराई के साथ पढ़ाए भी जाते हैं।

सबसे पहले तो अच्छी गुणवत्ता वाली पठनीय सामग्री एकत्रित करनी चाहिए जिनमें गलतियाँ नहीं हो। अधिकांश सहायक पुस्तकों जैसे की गाइड्स में बहुत सी गलतियाँ होती है अतः हमें ऐसी गाइड्स से बचना चाहिए।

हमें टेक्स्ट बुक्स से पढ़नें की आदत डालनी चाहिए क्योंकि इनमे गलतियाँ होने की सम्भावना कम से कम होती है। अगर गाइड्स की जरुरत पड़ती ही है तो फिर उसे सिर्फ परीक्षा का पैटर्न और प्रैक्टिस के लिए ही पढ़ना चाहिए।

फार्माकेमिस्ट्री विषय में मेडिसिनल केमिस्ट्री सबसे प्रमुख विषय है तथा इसकी तैयारी करते समय हमें विभिन्न ड्रग मोलेक्यूल्स की सिंथेसिस के साथ-साथ उनकी स्ट्रक्चर्स का भी ध्यान रखना पड़ेगा।

इन स्ट्रक्चर्स को याद रखना टेढ़ी खीर होता है इसलिए हमें रोजाना इनकी लिख-लिख कर के पुनरावृत्ति करनी चाहिए। हर पॉइंट को याद रखने के लिए उसे किसी न किसी सामान्य नाम के साथ जोड़कर याद करना चाहिए।

पढ़ाई के साथ-साथ नोट्स भी बनाने चाहिए ताकि परीक्षा से कुछ समय पूर्व उनकी पुनरावृत्ति की जा सके। मानव की याददाश्त सीमित होती है तथा उसमे भूलने की प्रवृत्ति होती है अतः किसी चीज को याद रखने के लिए जितना उसे समझकर पढ़ना आवश्यक है उससे अधिक उसकी पुनरावृत्ति आवश्यक है।

हमें कोई चीज तभी अच्छी तरह से याद होती है जब हम उसकी नियमित पुनरावृत्ति करते रहते हैं अन्यथा हम उसे भूल जाते है।

चूँकि यह परीक्षा कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन परीक्षा है अतः हम तैयारी के लिए किसी एजुकेशनल वेबसाइट की मदद भी ले सकते है जो हमें वास्तविक परीक्षा जैसा माहौल दे सके।

कंप्यूटर पर परीक्षा की तैयारी काफी महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इसकी वजह से हम परीक्षा के माहौल से अभ्यस्थ हो जाते हैं। तैयारी के लिए जीपेट परीक्षा के पूर्ववर्ती प्रश्नपत्रों तथा मॉडल पेपर्स की भी मदद ली जा सकती है।

परीक्षा से पूर्व सारे सिलेबस की एक बार विस्तृत पुनरावृत्ति होनी चाहिए तथा बिना किसी चिंता के परीक्षा देनी चाहिए। परीक्षा में समय का प्रबंधन अति आवश्यक है अतः समय का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

परीक्षा हॉल में बिना घबराए सबसे पहले उन्ही प्रश्नों को करना चाहिए जिनके सही होने के बारे में हम सौ फीसदी आश्वस्त हों। भाग्य को सहारा बनाकर उन प्रश्नों के उत्तर नहीं देना चाहिए जिन प्रश्नों के उत्तर हमें नहीं आते हों।

उपरोक्त सभी तरीके हमें सफलता की राह दिखा सकते हैं परन्तु फिर भी हम केवल इन्ही पर निर्भर न होकर अपने दिमाग से भी कुछ नए तरीके ढूंढें और उन्हें लागू करें। हमारा प्रमुख उद्देश्य सफलता प्राप्त करने से है फिर चाहे वह कैसे भी मिले।

लेखक, Writer

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}


डिस्क्लेमर,  Disclaimer

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