फार्मा क्लिनिक की सच्चाई
पिछले काफी वक्त से सोशल मीडिया, व्हाट्सएप्प, ई-मेल और एसएमएस के द्वारा यह सूचना काफी हद तक फैल रही है कि भारत सरकार ने फार्मासिस्टों को फार्मा क्लिनिक खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है तथा यह अनुमति फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन्स, 2015 के अंतर्गत प्रदान की गई है।
इन सूचनाओं के अनुसार अब फार्मासिस्ट फार्मा क्लिनिक खोल कर डॉक्टर की भाँति मरीजों की बीमारियों का ईलाज कर सकेगा तथा उन्हें प्रिस्क्रिप्शन पर दवा भी लिख सकेगा।
इन सूचनाओं के अनुसार अब फार्मासिस्ट फार्मा क्लिनिक खोल कर डॉक्टर की भाँति मरीजों की बीमारियों का ईलाज कर सकेगा तथा उन्हें प्रिस्क्रिप्शन पर दवा भी लिख सकेगा।
कुल मिलाकर के फार्मासिस्ट, फार्मासिस्ट न होकर डॉक्टर बन जायेगा अर्थात फार्मेसी की पढ़ाई करने पर दो फायदे हो जाएँगे एक तो वह फार्मासिस्ट बन जायेगा तथा साथ ही साथ वह डॉक्टर भी बन जाएगा।
इन भ्रामक सूचनाओं के प्रभाव में अच्छे भले पढ़े लिखे लोग भी काफी हद तक आ रहे है जबकि फार्मेसी कौंसिल ऑफ इंडिया ने इस बात को नकारते हुए अपनी वेबसाइट पर एक स्पष्टीकरण भी निकाल दिया है परन्तु फिर भी इस बात का प्रचार प्रसार बदस्तूर जारी है।
दरअसल फार्मासिस्ट अपने पक्ष की खबरें तलाशते रहते हैं तथा जब उन्हें अपने पक्ष की कोई भी खबर पता चलती है तब वे बिना उसकी सत्यता की जाँच किये उस पर विश्वास कर लेते हैं शायद रेगिस्तान में दो बूँद पानी की ख्वाहिश बहुत उम्मीदें पैदा कर जाती हैं।
हमें यह समझना होगा कि फार्मासिस्ट किसी भी तरह का कोई फार्मा क्लिनिक खोलकर ईलाज नहीं कर सकते हैं। पीपीआर 2015 में सिर्फ यह प्रावधान है कि फार्मासिस्ट केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रक्टिसनर्स के प्रिस्क्रिप्शन को डिस्पेंस कर सकता है और मरीज को दवाइयों से सम्बंधित सलाह दे सकता है।
फार्मेसी कौंसिल द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण के अनुसार फार्मासिस्ट द्वारा मरीज की काउन्सलिग में आगे दी गई बातें शामिल रहेगी।
1. दवाइयों का नाम और उनके विवरण की जानकारी
2. दवा की खुराक, डोजेज फॉर्म (दवा किस रूप में उपलब्ध है), दवा लेने का तरीका तथा दवा के समय सम्बंधित जानकारियाँ
3. दवा का उपयोग और उसके अनुमानित प्रभाव की जानकारी
4. दवा लेते समय विशेष निर्देश तथा सावधानियोँ की जानकारी
5. दवाओं के सामान्य साइड इफेक्ट्स, एडवर्स इफेक्ट्स, ड्रग इंटरेक्शन और कोंट्राइंडीकेशन से सम्बंधित जानकारियाँ
6. मरीज के स्वयं द्वारा ड्रग मोनिटरिंग करने के तरीकों के बारे जानकारी
7. दवाइयों के उचित भण्डारण की जानकारी
8. प्रिस्क्रिप्शन रिफिल की जानकारी
9. अगर मरीज दवा की खुराक लेना भूल जाए तो क्या करना है, इससे सम्बंधित जानकारी
10. दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग की जानकारी
सभी फार्मासिस्टों को यह भली भाँति समझ लेना चाहिए कि रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट किसी भी परिस्थिति में न तो फार्मेसी एक्ट, 1948 और न ही फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन्स, 2015 के अंतर्गत कोई क्लिनिक खोल कर किसी भी मरीज का ईलाज नहीं कर सकता है।
अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
PCI Clarification for Pharma Clinic
1. दवाइयों का नाम और उनके विवरण की जानकारी
2. दवा की खुराक, डोजेज फॉर्म (दवा किस रूप में उपलब्ध है), दवा लेने का तरीका तथा दवा के समय सम्बंधित जानकारियाँ
3. दवा का उपयोग और उसके अनुमानित प्रभाव की जानकारी
4. दवा लेते समय विशेष निर्देश तथा सावधानियोँ की जानकारी
5. दवाओं के सामान्य साइड इफेक्ट्स, एडवर्स इफेक्ट्स, ड्रग इंटरेक्शन और कोंट्राइंडीकेशन से सम्बंधित जानकारियाँ
6. मरीज के स्वयं द्वारा ड्रग मोनिटरिंग करने के तरीकों के बारे जानकारी
7. दवाइयों के उचित भण्डारण की जानकारी
8. प्रिस्क्रिप्शन रिफिल की जानकारी
9. अगर मरीज दवा की खुराक लेना भूल जाए तो क्या करना है, इससे सम्बंधित जानकारी
10. दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग की जानकारी
सभी फार्मासिस्टों को यह भली भाँति समझ लेना चाहिए कि रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट किसी भी परिस्थिति में न तो फार्मेसी एक्ट, 1948 और न ही फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन्स, 2015 के अंतर्गत कोई क्लिनिक खोल कर किसी भी मरीज का ईलाज नहीं कर सकता है।
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PCI Clarification for Pharma Clinic
लेखक, Writer
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
डिस्क्लेमर, Disclaimer
इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्त्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
अगर आलेख में किसी भी तरह की स्वास्थ्य सम्बन्धी सलाह दी गई है तो वह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
Tags:
Pharmacy