डी फार्म में प्रवेश से पहले इसकी जाँच कर लें, Confirm it before admission in D Pharm
दवाइयों का व्यापार बहुत से लोगों को आकर्षित करता है क्योंकि इसमें पैसा होने के साथ-साथ स्किल की जरूरत भी पड़ती है.
अन्य व्यवसायों की तरह इस व्यवसाय को कोई भी व्यक्ति शुरू कर सकता है लेकिन फर्क सिर्फ इतना होता है कि इस व्यापार का संचालन करने के लिए रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की जरूरत पड़ती है. बिना रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के यह व्यापार शुरू नहीं किया जा सकता है.
कोई भी व्यक्ति अगर इस व्यापार को शुरू करना चाहता है और अगर वह स्वयं रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट नहीं है तो उसे रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट को अपने यहाँ नौकरी पर रखना होता है.
आज हम इस सम्बन्ध में बात करेंगे कि रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट बनने की लिए क्या क्वालिफिकेशन जरूरी होती है और इस क्वालिफिकेशन को प्राप्त करने के लिए कौनसा कोर्स करना जरूरी होता है?
भारत में रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट बनने के लिए फार्मेसी ब्रांच के अंतर्गत या तो डी फार्म या बी फार्म कोर्स करना जरूरी होता है. डी फार्म कोर्स दो वर्षीय डिप्लोमा होता है जिसे डिप्लोमा इन फार्मेसी के नाम से जाना जाता है.
बी फार्म कोर्स चार वर्षीय बैचलर कोर्स होता है जिसे सेमेस्टर सिस्टम के द्वारा पूर्ण किया जाता है. इस दोनों ही कोर्स को पूर्ण करने के पश्चात सम्बंधित राज्य की फार्मेसी कौंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है जिसके पश्चात व्यक्ति रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के बतौर अपनी सेवाएँ दे सकता है.
यहाँ हम रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट बनने के लिए सिर्फ डी फार्म कोर्स के सम्बन्ध में ही चर्चा करेंगे. जैसा कि मैंने पहले बताया कि डी फार्म कोर्स दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स होता है. इस कोर्स में प्रवेश लेते समय हमें किन किन बातों का ध्यान रखना है यह जानना बहुत जरूरी है.
सबसे पहले तो हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि डी फार्म कोर्स में प्रवेश लेने के लिए मिनिमम एजुकेशनल क्वालिफिकेशन साइंस सब्जेक्ट के साथ 12th क्लास उतीर्ण होना आवश्यक है. कोई भी व्यक्ति जिसने फिजिक्स, केमिस्ट्री के साथ मैथ्स या बायोलॉजी के साथ 12th क्लास उतीर्ण कर रखी है वह डी फार्म कोर्स में एडमिशन ले सकता है.
अगर आपने 12th क्लास ओपन स्कूल से कर रखी है तो भी आप इस कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं. इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है यानि किसी भी उम्र में आप डी फार्म की पढाई कर सकते हैं.
जब आप यह सुनिश्चित कर ले कि आपकी शिक्षा इस कोर्स में प्रवेश लेने लायक है तो फिर आपको यह चेक करना होता है कि जिस कॉलेज में आप एडमिशन लेने जा रहे हैं वो फार्मेसी कौंसिल ऑफ इंडिया यानि पीसीआई से अप्रूव्ड है या नहीं.
आपको केवल पीसीआई से अप्रूव्ड कॉलेज में ही एडमिशन लेना है क्योंकि डी फार्म कोर्स कम्पलीट करने के बाद आपको स्टेट फार्मेसी कौंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है. बिना रजिस्ट्रेशन के आप रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट नहीं बन पाएँगे.
अगर आप रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट नहीं है यानि अगर आप किसी स्टेट फार्मेसी कौंसिल में रजिस्टर्ड नहीं है तो आप ना तो कोई दवा का व्यवसाय कर पाएँगे और ना ही किसी गवर्नमेंट जॉब के लिए अप्लाई कर पाएँगे.
इसलिए एडमिशन लेने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना ही होगा कि जिस कॉलेज या यूनिवर्सिटी में आप एडमिशन ले रहे हैं वो पीसीआई से अप्रूव्ड हो.
कोई कॉलेज पीसीआई से अप्रूव्ड है या नहीं यह चेक करने के लिए आप पीसीआई की ऑफिसियल वेबसाइट www.pci.nic.in के अप्रूव्ड कॉलेजेस मेनू पर जाकर देख सकते हैं.
आप इस बात का विशेष ध्यान रखे कि किसी भी सूरत में अनअप्रूव्ड कॉलेज में प्रवेश ना लें अन्यथा आपके जीवन के कीमती दो वर्षों के साथ-साथ आपके फीस के पैसे भी व्यर्थ हो जाएँगे.
प्रवेश लेने के बाद में आपको दो वर्षों तक थ्योरी और प्रैक्टिकल सब्जेक्ट्स की पढाई करनी होती है और उसके पश्चात न्यूनतम तीन महीने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी करनी होती है.
जब ये सब कम्पलीट हो जाता है तो आपको अपने राज्य की स्टेट फार्मेसी कौंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना होता है. एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के बतौर रजिस्टर्ड हो जाने के पश्चात आप आपना स्वय का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं या किसी और के दवा व्यवसाय पर नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
दवा व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको अपने राज्य के स्वास्थ्य विभाग में ड्रग लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होता है जिसके सम्बन्ध में हम दूसरे आर्टिकल में बात करेंगे.